अब शिक्षकों की नहीं चलेगी चालाकी, शिक्षा विभाग के ACS ने अप्लीकेशन मै कर दिया बड़ा बदलाव
मुंगेर सहित कई जिलों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में मुंगेर जिले में एक शिक्षक की फर्जी हाजिरी का मामला उजागर हुआ था। आरोप था कि संबंधित शिक्षक स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते थे, लेकिन उनकी उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज हो रही थी। जांच के दौरान यह आरोप सही पाया गया। इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। इन घटनाओं को देखते हुए बेतिया (पश्चिम चंपारण) जिले में शिक्षकों की ई-मोबाइल उपस्थिति की गहन जांच के लिए एक जिलास्तरीय ई-मोबाइल उपस्थिति अनुश्रवण कोषांग का गठन किया गया है।
इस कोषांग में कई अधिकारी शामिल किए गए हैं, राजेश कुमार पांडेय, अधीक्षक, जिला शिक्षा कार्यालय, अरुण कुमार अकेला, सहायक कंप्यूटर प्रोग्राम, जितेन्द्र सिन्हा, कार्यक्रम सहायक, प्रकाश कुमार, कार्यपालक सहायक इस टीम को जनवरी 2025 से सभी शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। बिहार सरकार की इस नई पहल से सरकारी स्कूलों में अनुशासन की स्थिति सुधरने की उम्मीद है। यह कदम न केवल शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बढ़ाएगा।
दरअसल, शिक्षा विभाग लगातार धोखाधड़ी को रोकने के लिए नए-नए तरीके लाता है। इसी क्रम में ई-शिक्षाकोष ऐप को भी अपडेट किया गया है। इसके बावजूद भी शिक्षकों ने फर्जी उपस्थिति बनाने का तरीका ढूंढ लिया। शिकायत मिलने के बाद जांच की गई तो असंतोषजनक जवाब पाया गया, जिसके बाद शिक्षा विभाग एक्शन मोड़ में आ गई है और अब विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर नजर रखने के लिए यह सख्त कदम उठाया है।