लिखित नहीं बल्कि मौखिक आदेश पर ही प्रधानाध्यापक के पद पर शिक्षक की हो गई तैनाती , मामला पहुंचा कोर्ट तो अधिकारियों की फैंसी गार्डन
जिले के मध्य विद्यालयों में तैनात 10099 बैच के स्नातक उत्तर युक्त आधारित स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य करने के लिए 15 मार्च 2024 को स्कूलों में पद स्थापित किया गया है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस कार्य के लिए निदेशालय स्तर से लिखित अनुमति जिले के अधिकारियों को नहीं दी गई केवल मौखिक आदेश पर ही लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने की पूर्व संध्या पर 15 मार्च 2024 को बड़ी संख्या में शिक्षकों को पारंगत कर प्रधानाध्यापक के पद पर स्थापित कर दिया गया
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 10 सितंबर 2023 तक की प्रोन्नति का काम निपटाना का आदेश दिया था लेकिन स्थिति तक काम पूरा नहीं कराया जा सका जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 5 मार्च 2024 को प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेज कर मध्य विद्यालय में पदस्थापित स्नातक उत्तर योग्यता धारी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य करने के लिए पदस्थापित करने की तिथि विस्तार करने की मांग की थी इस पत्र का लिखित जवाब नहीं आया है
ऐसी प्रक्रिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं
जानकारों का मानना है कि जब एक शिक्षक व कर्मी को दूसरी जगह प्रतिनिधित्व किया जाता है तो बजना इसके लिए पत्र जारी किया जाता है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापन बिना किसी लिखित आदेश के कैसे कर दिया गया प्रधानाध्यापक प्रोन्नति में गड़बड़ी का मामला सीएम सचिवालय बिहार विधान परिषद के अलावा मुख्य निर्वाचन आयोग तक पहुंच चुका है मुख्य चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी को मामले की जांच करने का आदेश दिया है जिलाधिकारी ने दिए डीसी को मामले की जांच का आदेश दिया था कई कन्या शिक्षकों को मुख्यालय में तो वही को सुदूर भर्ती ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पदस्थापन करने का मामला सामने आया है निदेशालय द्वारा 5 सितंबर 2023 के द्वारा हम प्रणति के संबंध में दिए गए आदेश में अंकित तिथि को विस्तार की मांग की थी
तिथि खत्म होने के बाद हुआ पदस्थापन
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा कि मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित कोटी प्रधानाध्यापक पद पर बड़ी संख्या में रिक्त रहने के कारण पूर्णकालिक व्यवस्था के तहत 10 सितंबर 2023 तक ही अपने वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करने के लिए प्राधिकृत करने का आदेश दिया गया था लेकिन अपरिहार्य कर्म से समय पर स्नातक व स्नातक उत्तर योगिता आधारित शिक्षकों को पूर्ण कालिक व्यवस्था के तहत प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करने के लिए प्राधिकृत नहीं किया जा सका है
अधिकारी प्रणति देने से कर रहे हैं इनकार
शिक्षा विभाग की जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर किसी तरह की प्रोन्नति नहीं दी गई है अलबत्ता उनको अपने ही वेतनमान पर प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया गया है जबकि 15 मार्च को जारी किए गए पत्र यह स्पष्ट रूप से गवाह दे रहा है की प्रार्थना अध्यापक के रिक्त पद पर कार्य करने के लिए प्रति नियुक्ति नहीं बल्कि पदस्थापित की गई है
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शिक्षकों को हेड मास्टर के पद पर कार्य करने के लिए प्राकृतिकरित करने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेज करती थी विस्तारित करने की मांग की थी लेकिन लिखित आदेश नहीं मिला बल्कि मौखिक आदेश पर हेड मास्टर के पद पर स्थापित किया गया है