सुबह जल्दीबाजी में विद्यालय पहुंचने के चक्कर में 16 मई से अब तक तीन शिक्षकों की दुर्घटना में हुई मौत ,
शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के नए आदेश का विरोध जारी है। अब बिहार शिक्षक मंच भी उतर आया है। और केके पाठक के फैसले को हठधर्मिता बताते हुए शिक्षकों और बच्चों के लिए खतरनाक बताया है।
दरअसल प्रचंड गर्मी को देखते हुए बिहार के सरकारी विद्यालयों की टाइमिंग में बदलाव कर दिया है।
नए आदेश के मुताबिक, राज्य के सरकारी स्कूलों में सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 तक बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित हो रहे हैं। इस आदेश से शिक्षक, छात्र और अभिभावक सभी परेशान हैं। क्योंकि टीचर्स और बच्चों को 6 बजे स्कूल पहुंचने के लिए सुबह 5 बजे से ही तैयारी करती पड़ती है। बिहार शिक्षक मंच ने तो इस फैसले को जानलेवा करार दिया है
बिहार शिक्षक मंच ने आज एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि विद्यालय जाने के क्रम में चकिया प्रखंड अंतर्गत हरदियाबाद विद्यालय के एक शिक्षक जमाल अख्तर अंसारी की भयावह दुर्घटना आज सुबह 5:30 बजे चकिया एनएच के पास हुई। शिक्षक हमारे बीच नहीं रहे हैं । सिर्फ के के पाठक की हठधर्मिता के कारण बिहार के बच्चे और शिक्षक दोनो काल के गाल में जा रहे।
दरअसल दो दिनों के भीतर वक्त पर स्कूल पहुंचने के चक्कर में दो शिक्षकों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। जिसका कसूरवार बिहार शिक्षक मंच केके पाठक के फरमान को बता रहे हैं। वहीं इस मामले में इससे पहले बिहार विधान परिषद के पांच सदस्यों (MLC) ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर है। वर्तमान समय सारिणी को बदलकर सुबह 6.30 से 11.30 बजे तक करने की मांग की थी।
वहीं विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम भी कह चुके हैं कि अधिकांश न्यूक्लियर फैमिली हैं, शिक्षक-शिक्षिकाओं को घर का खाना बनाकर निकलना होगा। इसके लिए शिक्षिकाएं कब उठेंगी, और इस दिनचर्या से शिक्षक शिक्षिकाओं के सेहत पर क्या दुष्प्रभाव होगा इससे भी सरकार को अवगत होना चाहिए।
सुबह 5:30 बजे तो सूर्योदय भी नहीं होता है। और न ही यातायात की सही सुविधा मिलती है। जिससे शिक्षक-शिक्षिकाओं को परेशानी होगी। और अब केके पाठक के इस आदेश के विरोध में बिहार शिक्षक मंच भी उतर आया है। आपको बता दें स्कूलों का सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक का शेड्यूल 30 जून तक प्रभावी रहेगा।