शिक्षकों के ताबदले को लेकर सभी DEO से शिक्षा विभाग ने मांगी सुझाव, उम्र के आधार पर शिक्षकों का होगा तबादला
Bihar Teacher Transfer: बिहार के सरकारी स्कूलों में सक्षमता परीक्षा पास कर चुके शिक्षकों, पुराने शिक्षकों और बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों की भविष्य में पदस्थापना का फार्मूला तैयार किया जा रहा है.
तबादला, पोस्टिंग समेत अन्य मामलों की नीति बनाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी की कवायद तेज हो गई है.
40 वर्ष तक के पुरुष शिक्षकों की दूरदराज के क्षेत्रों में हो सकती है पोस्टिंग
समिति की अब तक की एक्सरसाइज के अनुसार, सुदूर क्षेत्रों, खासकर दियारा और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में 40 वर्ष तक की आयु वाले पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी. बशर्ते कि शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित न हो. अगर पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, तो उन्हें इससे कुछ राहत मिल सकती है. महिला शिक्षकों को भी इससे राहत मिलेगी.
पांच श्रेणियों में स्कूलों को बांटा गया
शिक्षा विभाग ने पदस्थापना के संबंध में निर्धारित फार्मूला में स्कूलों का पांच श्रेणियों में बांटा है. यह पांच श्रेणियां में पहाड़ी क्षेत्र, नदी पार (दियारा), अर्धशहरी, शहरी और ग्रामीण इलाके के स्कूल हैं. अध्यापकों की भी दो श्रेणियां तय की जा रही हैं. शिक्षकों के पदस्थापन का आधार एक गंभीर बीमारी और उनकी उम्र को माना है. जिनकी उम्र 40 या इससे कम है, उन्हें दूरदराज के इलाकों मसलन पहाड़ और दियारा क्षेत्र में पदस्थापित किया जा सकता है.
महिलाओं की पदस्थापना में उम्र की लक्ष्मण रेखा नहीं होगी. पति-पत्नी ,दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को पदस्थापन में पूरी तरह सहानुभूति रखी जायेगी. समिति अभी संबंधित पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर रही है. इसलिए इसमें संशोधन की पूरी गुंजाईश है.
सचिव बैद्यनाथ यादव ने डीइओ से मांगे सुझाव
इधर, शिक्षा विभाग के सचिव सह पदस्थापन, स्थानांतरण व अनुकंपा पर नियुक्ति से संबंधित नीति तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष बैद्यनाथ यादव ने एक अगस्त से होने वाली काउंसिलिंग को लेकर राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से आवश्यक जानकारी ली है. साथ ही नीति निर्माण को लेकर सुझाव भी मांगे हैं. सभी डीईओ ने अपनी सलाह दी.
एक अगस्त से काउंसलिंग
एक अगस्त से जिला स्तर पर दक्षता परीक्षा पास करने वाले 1.87 लाख से अधिक शिक्षकों की काउंसिलिंग होगी. इसमें उनके शैक्षणिक व पूर्व शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच होगी. हालांकि, उनकी पदस्थापना नीति के आधार पर ही करने की योजना है.