शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी पर शिक्षकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री ने खुद से लिया संज्ञान, मुख्यमंत्री ने नियमावली के कुछ बिन्दुओ पर संसोधन करने का शिक्षा मंत्री को दिया आदेश, शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी,
सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, शिक्षकों के आगे झुकी नीतीश सरकार, सक्षमता पास शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी के अंतर्गत इन 5 बिन्दुओ पर होगा संशोधन, शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री के आदेश पर अधिकारियो को दिया निर्देशब, दल गई ट्रांसफर पॉलिसी
जनता पास शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी को लागू करते ही शिक्षकों ने बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया है शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस संबंध में तुरंत संज्ञान लेते हुए शिक्षा मंत्री को आदेश किया कि जिन-जिन बिंदुओं पर शिक्षकों को नाराजगी है उन बिंदुओं में संशोधन किया जाए
मुख्यमंत्री के आधार आदेश मिलते ही शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की सूचना हिंदी की साक्षमता पास शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी में मुख्यमंत्री के आदेश से संशोधन किया जाएगा इस संबंध में हमने अधिकारियों को सभी तरह के दिशा निर्देश देती है उन्होंने कहा कि कल पांच बिंदुओं पर संशोधन का आदेश हमने अधिकारियों को दिया है
शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक सप्ताह के अंदर यानी 20 से 22 अक्टूबर से पहले ही शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी में बदलाव कर दिया जाएगा क्योंकि 22 अक्टूबर से शिक्षकों से इस शिक्षा कोष एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन दिए जाएंगे
पहला संशोधन ग्रह एनम अनुमंडल को हटाकर गृह प्रखंड क्या जाएगा शिक्षकों की ग्रह प्रखंड के अतिरिक्त दूसरे सभी प्रखंडों में पोस्टिंग की जा सकेगी
शिक्षकों से विकल्प के रूप में पंचायत या प्रखंड या अनुमंडल का विकल्प नहीं लिया जाएगा बोल के 10 विद्यालय का विकल्प शिक्षक सेलेक्ट कर सकते हैं इन्हीं 10 विद्यालयों में शिक्षकों की पोस्टिंग होगी यह 10 विद्यालय अगल-बगल के पंचायत या प्रखंड या नगर निकाय या अनुमंडल हो सकते हैं
साक्षरता में प्राप्त अंक के आधार पर पोस्टिंग किया जाएगा इससे संबंधित भी आदेश अधिकारियों को दिया गया है
बिहार सरकार ने सोमवार को राज्य में सरकारी स्कूल के शिक्षकों की ट्रांसफर- पोस्टिंग के लिए नई नीति की घोषित की है। इसके तहत गंभीर बीमारियों से जूझ रहे और दिव्यांगता वाले टीचर्स को प्राथमिकता दी गई है।
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने नीति की घोषित करते हुए कहा कि तबादले के लिए सभी आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही लिए जाएंगे।
मंत्री के मुताबिक, ‘नई ट्रांसफर नीति राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में एकरूपता लाएगी। इससे न सिर्फ शिक्षकों को राहत मिलेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी।’ मंत्री ने बताया, ‘गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग, विधवा, तलाकशुदा, अकेले रहने वाले या पति-पत्नी की जोड़ी वाले शिक्षकों को ट्रांसफर के समय प्राथमिकता दी जाएगी।’
इसके साथ ही सरकार ने साफ किया है कि किसी भी स्कूल में महिला शिक्षकों की संख्या 70 से ज्यादा नहीं होगी। उन्होंने जानकारी दी की शिक्षकों को उनकी पोस्टिंग के हर पांच साल बाद उनका ट्रांसफर होना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग उन्हें पोस्टिंग वाले स्थानों को प्राथमिकता देने के लिए 10 विकल्प देगा, जिससे नजदीकी अनुमंडल या जिले में नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी।
नई नीति से राज्य भर में योग्यता परीक्षा पास करने वाले 1.80 लाख से ज्यादा शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि, ये नीति स्थानीय नगर निकायों की ओर से नियुक्त उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने योग्यता परीक्षा पास नहीं की है।
मंत्री ने कहा, ‘यह केवल बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के जरिए से चुने गए शिक्षकों, सरकारी शिक्षकों और अनिवार्य परीक्षा पास करने वालों पर ही लागू होगा।’ उन्होंने बताया कि जिलास्तर पर ट्रांसफर को लेकर शिकायतों को दूर करने के लिए एक पैनल बनाया गया है।
बिहार में कुछ समय पहले राज्य सरकार के कुछ विवादास्पद फैसलों की वजह से सरकारी टीचरों में बहुत ज्यादा नाराजगी देखी जा रही थी। लेकिन, जिस तरह से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नीतीश सरकार ने नई ट्रांसफर नीति जारी करके शिक्षकों को राहत देने की कोशिश की है, उससे लगता है कि वह उनपर मरहम लगाने की कोशिशों में जुटी है।