24 घंटे में ही बदल गया शिक्षा विभाग का आदेश
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम होने पर बीएसए प्रवीण तिवारी ने एक दिन पहले ही 1276 स्कूलों के पूरे स्टाफ जिसमें करीब ढाई हजार शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक हैं का वेतन रोकने का आदेश कर दिया।
दीवाली से पहले की गई बीएसए की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कम्प मच गया। शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने भी इस पर आक्रोश व्यक्त किया। इस मामले की खबर छपने के बाद बीएसए ने 24 घंटे के अन्दर ही इन सभी शिक्षकों के वेतन बहाली का आदेश जारी कर दिया। स्कूलों में एमडीएम खाने वाले बच्चों की उपस्थिति की रैंकिंग हर महीने सीएम डैशबोर्ड पर जारी होती है।
सितम्बर महीने में जिले की 56वीं रैंक आई। बीएसए ने बीईओ व सभी शिक्षकों को निर्देश दिया कि अभिभावकों से सम्पर्क करके बच्चों की उपस्थिति स्कूलों में बढ़ाएं। नामांकित बच्चों के सापेक्ष 70 प्रतिशत या इससे अधिक बच्चे उपस्थित हों। इससे बच्चों की पढ़ाई भी ठीक होगी और जिले की रैंकिंग में भी सुधार होगा। तमाम स्कूलों में तो उपस्थिति बढ़ गई लेकिन जिन स्कूलों में उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम रही ऐसे 1276 स्कूलों के पूरे स्टाफ का वेतन एक दिन पहले ही बीएसए ने रोकते हुए शिक्षकों को बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की चेतावनी दी।
इसके अलावा 14 बीईओ का भी वेतन शिथिल पर्यवेक्षण को लेकर रोक दिया गया। एक साथ इतने शिक्षकों का वेतन रोकने वह भी दीवाली त्योहार से पहले इस पर शिक्षकों में हड़कम्प मच गया। शिक्षक संगठनों ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए आन्दोलन कीचे तावनी दी। शिक्षकों का कहना है कि वह लगातार अभिभावकों से सम्पर्क कर रहे हैं। उपस्थिति बढ़ रही है।
ऐसे में शिक्षकों का वेतन रोकना ठीक नहीं है।सीएम डैशबोर्ड पर उपस्थिति की रैंकिंग जारी होती है। लगातार उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया गया, इसके बाद भी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने पर शिक्षकों का वेतन रोका गया था। चूंकि दीवाली का त्योहार है इसलिए उच्चाधिकारियों से वेतन बहाल करने का अनुरोध किया। उच्चाधिकारियों की सहमति मिलने पर शिक्षकों का वेतन इस चेतावनी के साथ बहाल कर दिया गया है कि बच्चों की उपस्थिति बढ़ाएं।प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए