बिहार में शिक्षकों मिलेगा टैब, मार्च से लागू हो सकती है बच्चों के लिए डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था
बिहार के स्कूलों में मिडडे मील से लेकर पोशाक योजना तक स्कूल में बच्चों की हाजिरी से तय होता है. शिक्षा विभाग की नजर अब स्कूलों में बच्चों की हाजिरी पर है. विभाग को मिली जानकारी के अनुसार हेडमास्टर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने के बावजूद उसे बढ़ाकर दिखाते हैं और विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हैं.
शिक्षा विभाग अब ऐसी अनियमितता को रोकने के प्रयास में जुटा है. कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे, उतने ही बच्चों की हाजिरी बनेगी. जितने बच्चे की हाजिरी बनेगी उतने ही बच्चे का मिडडे मील भी बनेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था लागू करने जा रही है.
मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता की आशंका
हाल ही शिक्षा विभाग की मिली जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चंपारण के एक स्कूल में कुल 523 छात्र-छात्राओं की जगह सिर्फ 116 स्टूडेंट्स ही उपस्थित थे, जबकि पिछले एक सप्ताह के दौरान 350 से अधिक बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी. ऐसे में इस बात की आशंका जताई गई है कि उनकी ओर से छात्र-छात्राओं की वास्तविक उपस्थिति से तीन गुना से अधिक उपस्थिति पंजी में दर्ज कर मध्याह्न भोजन योजना की राशि और खाद्यान्न का दुरुपयोग किया जाता है. वहीं मध्याह्न भोजन योजना ससमय संचालित नहीं किया गया और बच्चों के बैठने के लिए दरी या चटाई की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. प्रधानाध्यापक को 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया था.
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति हो पायेगी बेहतर
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की डिजिटल हाजिरी के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करार है. स्कूलों में इसे लागू करने के लिए परीक्षण किया जा चुका है. बताया जाता है कि अगर कक्षा में कम बच्चे उपस्थित होते हैं और हाजिरी अधिक की बना दी जाएगी तो सॉफ्टवेयर इसकी पोल खोल देगा. माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर इसे लागू होने से बदलाव होंगे. बच्चों की उपस्थिति बेहतर होगी. टैबलेट की खरीद का काम चल रहा है.
मार्च से लागू हो सकती है व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. राज्यभर के सरकारी स्कूलों के वर्ग शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा, जिस पर शिक्षकों को बच्चों की डिजिटल हाजिरी बनानी होगी. हर बच्चे के नाम के आगे उन्हें उपस्थित मार्क करना होगा. जनवरी, 2025 से शिक्षकों को टैबलेट पर बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. वहीं प्रशिक्षण पूरा होने के दो माह बाद मार्च तक राज्यभर के स्कूलों में इस सिस्टम के लागू होने की संभावना है.
ऐसे पकड़ेगा सॉफ्टवेयर
शिक्षकों को पहले टैब पर उपस्थित और अनुपस्थित मार्क करना होगा. इसके बाद कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे उनकी तस्वीर भी अपलोड करनी होगी. इसके बाद सॉफ्टवेयर बच्चों के चेहरे और मार्क किए गए उपस्थिति का मिलान करेगा. यहां पता लगाएगा कि जो बच्चे कक्षा में उपस्थित थे, उनकी उपस्थिति बनी है या नहीं. अगर शिक्षक उपस्थिति संख्या बढ़ाने के लिए थोड़ा भी हेर -फेर करेंगे तो सॉफ्टवेयर उसे बता देगा. उपस्थिति की असल रिपोर्ट अगले दिन तक सामने आ जाएगी. ऐसे में जो बच्चे उपस्थित नहीं होंगे, उनकी उपस्थित अगर दर्ज हुई होगी तो वह भी पता चल जाएगा.