बिहार के सभी स्कूलों को मिलेंगे 50-50 हजार रुपये, इस राशि मे बढ़ोतरी करने पर विभाग कर रहा है मंथन 

बिहार के सभी स्कूलों को मिलेंगे 50-50 हजार रुपये, इस राशि मे बढ़ोतरी करने पर विभाग कर रहा है मंथन 

 

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घोषणा की है। विभाग ने नए वित्तीय वर्ष से सरकारी स्कूलों के मेंटेनेंस (रखरखाव) के लिए प्रत्येक स्कूल को 50 हजार रुपये देने का निर्णय लिया है।

यह राशि सीधे स्कूलों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे स्कूलों की स्थिति में सुधार हो सके और छात्रों को बेहतर और सुविधाजनक वातावरण मिल सके।

बता दें की शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया है और अब इसे वित्त विभाग को भेज दिया जाएगा, ताकि इसे बजट में शामिल किया जा सके। जैसे ही यह योजना मंजूर होगी, प्रत्येक स्कूल को यह 50 हजार रुपये का फंड उपलब्ध कराया जाएगा।

इस कदम से न केवल सरकारी स्कूलों की हालत सुधरेगी, बल्कि बिहार के शिक्षा तंत्र को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम छात्रों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, जो आने वाले समय में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

क्या होगा इसका प्रभाव?

शिक्षा विभाग द्वारा इस राशि को स्कूलों में खर्च करने के लिए खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इन पैसों का उपयोग स्कूलों के विभिन्न जरूरी मरम्मत कार्यों के लिए किया जाएगा, ताकि स्कूलों की कार्यप्रणाली और वातावरण में सुधार हो सके। विभाग द्वारा बनाई गई योजना में यह तय किया गया है कि हर स्कूल को 50 हजार रुपये की राशि मिलेगी, जिससे स्कूल के अंदर और उसके आसपास के ढांचे को बेहतर बनाया जा सके।

क्या-क्या काम होंगे?

1 .सामान्य भवन मरम्मत: खिड़कियां, दरवाजे, छत और फर्श की मरम्मत।

2 .स्वच्छता सुविधाएं: शौचालय, नल, और सबमर्सिबल पंप की मरम्मत या स्थापना।

3 .विद्युत उपकरणों की मरम्मत: बल्ब, पंखे, ट्यूबलाइट जैसे विद्युत उपकरणों की मरम्मत या पुनःस्थापना।

4 .किचन और प्रयोगशाला सामग्री: गैस चूल्हा, रसोई सामग्री, और प्रयोगशाला की जरूरी सामग्री की व्यवस्था।

5 .जल आपूर्ति सुविधाएं: ओवरहेड टैंक, पाइपलाइन की मरम्मत या स्थापना, और जल आपूर्ति से संबंधित अन्य कार्य।

6 .कक्षा और सामान की स्थिति सुधारना: बेंच, डेस्क, टेबल, बोर्ड, आलमारी जैसी कक्षा सामग्री की मरम्मत या बदलवाना।

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