प्रधान शिक्षकों की पोस्टिंग में हिन्दी, उर्दू स्कूलों का नहीं रखा गया ध्यान
कौमी असातिजह तंजीम की बैठक जिला स्कूल प्रांगण में मंगलवार को हुई। बैठक में संगठन के प्रदेश संयोजक मो. रफी ने कहा कि निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने 14 जुलाई को 35,333 प्रधान शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर दिया है।
इस पोस्टिंग में हिन्दी, उर्दू विद्यालयों का ख्याल नहीं रखा गया है, जिससे शिक्षकों में बेचैनी है और आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उर्दू प्राथमिक विद्यालय ब्रह्मपुरा कन्या में कुमारी रीता और बबीता कुमारी का ट्रांसफर हुआ है। प्रधान शिक्षक के रूप में प्रकाश कुमार की पोस्टिंग हुई है। अंशु कुमारी को प्राथमिक विद्यालय शर्फुद्दीनपुर टोक उर्दू में भेज दिया गया है।
ऐसी स्थिति लगभग सभी उर्दू विद्यालयों की है। मो. रफी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री, निदेशक प्राथमिक शिक्षा और अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग बिहार को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि प्रधान शिक्षकों की पोस्टिंग में 90 प्रतिशत उर्दू विद्यालयों में उर्दू नहीं जानने वाले प्रधान शिक्षकों की पोस्टिंग हुई है,
जबकि उर्दू विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम उर्दू है एवं अभिलेखों का संधारण भी उर्दू ही में होता है। इसलिए उर्दू विद्यालयों में उर्दू भाषा के जानकार प्रधान शिक्षकों की ही पोस्टिंग सुनिश्चित की जाय। धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष शमशाद अहमद साहिल ने किया। बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नसीम अख्तर, मो. अकबर अली, मो. नेयाज, अमीरुल्ला, मो. आरिफ, नुसरत जहां रुबी, इशरत जहां, मो. हैदर आदि उपस्थित थे।