राज्य की सरकारी नौकरियों में कायस्थों की संख्या सबसे अधिक
पिक्चरों में सबसे ज्यादा कुर्मी जाति के लोग सरकारी नौकरियों में हैं और इसके बाद यादव की संख्या है लेकिन संपूर्ण जातियों में राज्य में सबसे ज्यादा सरकारी नौकरियों में कायस्थों की संख्या है इसका खुलासा जाति जनगणना 2023 के रिपोर्ट में बिहार सरकार ने किया है
बिहार में सरकारी नौकरी में सबसे अधिक 6.68% कायस्थ समाज के लोग हैं राज्य की शेष अन्य जातियों के लोग सरकारी नौकरी में अपेक्षाकृत इन से बहुत कम है सुवर्ण में भूमिहार से कम राजपूत और उनसे भी काम ब्राह्मण जाति के लोग सरकारी नौकरी में हैं
मंगलवार को विधान मंडल में पेश जातियों की सामाजिक आर्थिक गणना रिपोर्ट के अनुसार ब्राह्मण जाति के 3.60% भूमिहार 4.99% और राजपूत 3.81% पिछला वर्ग में आने वाले कुर्मी जाति के लोग 3.11% अति पिछड़ा वर्ग में आने वाले कुशवाहा जाति 2.04% पिछले समाज के यादव जाति के 1.55% बढ़िया जाति के 1.96% लोगों के पास सरकारी नौकरी है जबकि दुसाध जाति के 1.4% लोग सरकारी नौकरी में है
मुस्लिम स्वर्ण की स्थिति कमतर है
हिंदू स्वर्ण जातियों की तुलना में मुस्लिम स्वर्ण की स्थिति बहुत कम है शेख जाति के व्यक्ति 6.91% पठान के पास 6.009% और सईद के पास 7.57% नौकरी और रोजगार है वही सरकारी नौकरी में शेख 0.79% पठान 1.807% और सैयद 2.43% है
ब्राह्मण व कायस्थ समाज में नौकरी रोजगार वाले 9% है
बिहार में स्वर्ण समाज में ब्राह्मण व कायत समाज के पास 99% से अधिक नौकरियों व रोजगार है इन दोनों जातियों के बीच नौकरी को लेकर काफी कम फासला है ब्राह्मण समाज के पास 9.58% तो कायस्थ जाति के पास 9.01% नौकरी पर रोजगार है इसे अपेक्षाकृत कम राजपूत एवं भूमिहार जाति के पास नौकरी और रोजगार है राजपूत के पास 8.33 प्रतिशत तो भूमिहार जाति के पास 7.76% लोग नौकरी व रोजगार में जुड़े हुए हैं स्वर्ण जातियों के तहत आने वाले जातियों में हॉस्टल 0.2% लोग विदेश में नौकरी या रोजगार हासिल किए हुए हैं
कायस्थ समाज से 6% अन्य राज्यों की नौकरी में है
ब्राह्मण जाति के लोगों को बिहार में विभिन्न स्थानों पर 2.20 प्रतिशत अन्य राज्य में 7.5% एवं विदेश में 0.020% व्यक्ति नौकरी में है जबकि कायस्थ जमा जाति के बिहार में विभिन्न स्थानों पर तीन 3.02% अन्य राज्य में नौकरी 5.94% और अन्य देश में 0.34% व्यक्ति नौकरी बेरोजगार में है वही राजपूत जाति के 2.7% बिहार में 5.994% अन्य राज्यों में और विदेश में 0.22 प्रतिशत व्यक्ति नौकरी में है