फर्जी हस्ताक्षर से निकासी की जांच में सात हेडमास्टर ही पहुंचे
फर्जी हस्ताक्षर से निकासी की जांच में कमेटी के सामने सोमवार को जिले के सात हेडमास्टर ही पहुंचे। डीएम ने चार सदस्यीय जांच कमेटी एक सप्ताह पहले गठित की थी।
सबमर्सिबल समेत अन्य योजनाओं में फर्जी हस्ताक्षर पर निकासी के आरोप को लेकर कमेटी को जांच का जिम्मा दिया गया है। तीन मार्च को हेडमास्टर को साक्ष्य के साथ कमेटी के सामने आने का निर्देश दिया गया था। सोमवार को महज सात हेडमास्टर ही उपस्थित हुए। 10 मार्च को डीएम ने अंतिम मौका दिया है।
सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण के बाद भुगतान संबंधी कार्य का निष्पादन सरकारी निर्देशों एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप हो, इसके लिए विभिन्न स्तरों से प्राप्त शिकायतों को पूरी पारदर्शिता के साथ जांच को लेकर डीएम सुब्रत कुमार सेन द्वारा विशेष टीम का गठन कर जांच कराई जा रही है। जिला स्तर पर दिशा की बैठक में सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधा के निर्माण में हुए भुगतान में अनियमितता की शिकायत की गई तथा प्रधानाध्यापक के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की अवैध निकासी करने के बारे में भी जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने चार सदस्यों की विशेष टीम गठित करते हुए वित्तीय प्रावधान एवं प्रक्रिया के अनुरूप भुगतान की सूक्ष्मता से जांच करने का निर्देश दिया था। जांच कमेटी में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, निदेशक डीआरडीए, वरीय कोषागार पदाधिकारी व वरीय उपसमाहर्ता शामिल हैं।
कमेटी के समक्ष उपस्थित प्रधानाचार्यों ने विद्यालय के भुगतान से संबंधित आवश्यक पत्र एवं हस्ताक्षर के नमूने प्रस्तुत किये। उनमें से कुछ प्रधानाचार्य ने अनुरोध किया है कि उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाए। इसके कारण उन विद्यालय के प्रधानाचार्य का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
इस तरह कमेटी करेगी जांच:
कमेटी हस्ताक्षर के नमूने का सूक्ष्म परीक्षण करते हुए जांच करेगी। इसके लिए कोषागार से संबंधित विद्यालय का अभिश्रव प्राप्त कर उसपर अंकित प्रधानाचार्य के मूल हस्ताक्षर से मिलान किया जाएगा। इसके तहत कोषागार से प्राप्त विपत्र पर प्रधानाचार्य के अंकित हस्ताक्षर से उनके द्वारा प्राप्त हस्ताक्षर के नमूना से मिलान किया जाएगा। विभागीय प्रावधान एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप विद्यालयों में कार्य का संपादन एवं भुगतान का कार्य हुआ है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। अगर कमेटी द्वारा जांच में इन बिन्दुओं पर प्रधानाचार्य के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की निकासी सत्यापित होती है तो फोरेंसिक जांच की अनुशंसा की जाएगी। प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है