फर्जी प्रमाण पत्र नौकरी कर रहे शिक्षक हुए बर्खास्त, शिक्षक पर मोकदमा दर्ज कराने मे जुटा विभाग, 

फर्जी प्रमाण पत्र नौकरी कर रहे शिक्षक हुए बर्खास्त, शिक्षक पर मोकदमा दर्ज कराने मे जुटा विभाग, 

 

दो साल में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले अब 22 शिक्षकों की नौकरी जा चुकी है। इस मामले में गुप्ता के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी भदोही को केस दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।

परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था बेहतर करने के लिए पांच से छह साल पर शासन स्तर से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। एक साथ 60 से 70 हजार शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हासिल किए थे। सत्यापन में जब तक मामला सामने आता है, तब तक वे सात से 10 साल की नौकरी कर चुके होते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से लगातार ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है।

शनिवार को भदोही ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय दरूनहां के सहायक अध्यापक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की सेवा समाप्त कर दी गई। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद गुप्ता निवासी ग्राम पोस्ट चिलकहर जनपद बलिया ने विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण बलिया से प्राप्त किया। उसके बाद गोरखपुर में नियुक्ति ली। गड़बड़ी पकड़ में न आए इसलिए भदोही जैसे जिले में स्थानांतरण लिया गया।

बीएसए ने बताया कि उसने तीन जनवरी 2006 को प्राथमिक विद्यालय डेहरीभार, विकास खंड गगहा, जिला गोरखपुर में पहली तैनाती ली। उसके बाद 29 जून 2010 को पदोन्नति के बाद प्राथमिक विद्यालय गौरखास, गगहा, गोरखपुर में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद भदोही में पांच सितंबर 2016 को कार्यभार ग्रहण किया। तीन अक्तूबर 2016 को कंपोजिट विद्यालय दरुनहा में तैनात हुआ।

नौकरी और ट्रांसफर में अलग-अलग अभिलेख लगाए

बीएसए ने बताया कि शिकायत पर 2017 में तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच कराया। इसमें पाया गया कि राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने नियुक्ति और स्थानांतरण के समय अलग-अलग अभिलेख लगाए। 2018 में नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया, लेकिन वह कोर्ट गया, जहां राहत नहीं मिली।

हाईकोर्ट की डबल बेंच में फिर अपील करने पर कोर्ट ने दुबारा जांच का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर विभाग ने दुबारा जांच कराया। जिसमें फर्जी अभिलेख की पुष्टि हुई। इसको संज्ञान में लेते हुए शनिवार को शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया।

अब तक इन शिक्षकों पर हो चुकी है कार्रवाई

फर्जी अभिलेख से नौकरी करने में पिछले दो साल में 22 शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसमें अशोक मिश्रा, सुरेंद्र कुमार यादव, रामचंद्र यादव, निर्भय नारायण, राज कुमार राय, संजय प्रताप, नीलम मौर्य, ब्रह्मेश्वर यादव, सुधा स्वरूप, जितेंद्र कुमार, सुषमा गौड़, धर्मचंद्र, चंद्रशेखर यादव, इम्तियाज अहमद, अनुराग तिवारी और शैलेंद्र कुमार आदि शामिल हैं।

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