बिहार के इस जिले में 83 नियोजन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, HC के फैसले से हड़कंप

बिहार के इस जिले में 83 नियोजन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, HC के फैसले से हड़कंप

 

पुरा मामला सीवान जिले के पंचायत और प्रखंडों में पदस्थापित 83 नियोजन शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति जिला शिक्षा नियोजन अपीलीय प्राधिकार के तहत साल 2020 में की की गई थी।

यही नहीं यह सेवा भी दे रहे थे। इनकी नियुक्ति पर राज्य अपीलीय प्राधिकार के तहत चुनौती दी गई और इस नियुक्ति को तर्क दिया गया कि नियुक्ति अवैध ढंग से की गई है। इसके बाद इस मामले की सुनवाई राज्य आपीलीय प्राधिकार ने की और इन कुल 83 शिक्षकों को तत्काल पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया था।

उनके द्वारा उठाई गई वेतन की वसूली का भी फैसला सुनाया गया था। इसके बाद शिक्षकों ने हाईकोर्ट का रूख किया और पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसका केस नंबर cwc 16170/22 था। इसमें कामिनी कुमारी बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के खिलाफ मामला दायर किया गया था। उच्च न्यायालय पटना द्वारा बिना रिक्ति के जिला जिला अपीलीय प्राधिकार के फैसले को सही ठहराते हुए शिक्षकों के द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया, जिसमें नियुक्ति को अवैध मानते हुए जिस दिन से जॉइनिंग हुई है, उस दिन से उन्हें वेतनमान वसूली कर दिया जाए। इस फैसले को माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा बरकरार रखा गया है।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस तरह के 59 याचिकाओं को एक साथ शामिल कर लिया गया था, जिसके बाद तीन मार्च को हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था। सुनवाई पूरी होने पर तीन मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने राज्य अपीलीय प्राधिकार के निर्णय को बरकरार रखा। इस आदेश की कॉपी डीईओ को मिलते ही इन 83 शिक्षकों की सूची बनाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड नियोजन इकाई के पास भेज दी।

इस मामले में भगवानपुर, गोरेयाकोठी, लकड़ी नबीगंज व बसंतपुर के पास पत्र भेज दिया गया है। इसके अलावा पंचायत नियोजन इकाई के सचिव के पास भी पत्र भेजा गया। इसमें राजपुर, सराय पड़ौली, बलहा एराजी व खेढवां शामिल है। हालांकि, इन 83 स्कूलों में से 71 शिक्षक योगदान कर पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। गोरेयाकोठी प्रखंड के 12 शिक्षकों का अब तक योगदान नहीं हुआ है।

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